Readers Write In #653: जिगरथंडा डबल X – जंगल बनाम जंगली, राइफल बनाम रील
By Vishnu Mahesh Sharma
कार्तिक सुब्बराज की फिल्म ‘जिगरथंडा डबल X’ कुछ अपना सा ही वक्त लेती है मुख्य मुद्दे तक पहुंचने के लिए। फिल्म कुछ लड़खड़ाती, कुछ संभलती हुई मध्यांतर तक पहुंचती है। पर इसके साथ ही वो पहुंचती है जंगल में। इस जंगल में कहानी को मिलती है भावनाओं और विचारों की वो उत्तेजना एवं गुरुत्वाकर्षण कि कहानी के साथ-साथ हम भी जंगल छोड़ना नहीं चाहते।
मानव सभ्यता के विकास के तमाम चरणों के बाद भी, अगर कोई एक भाव है जो आज भी पशु और मानव में समान रूप से शुद्ध है तो वो है मातृत्व। और इस भाव का जो चित्रण हम फिल्म में देखते हैं वो इतना अनूठा है कि मुझे याद नहीं ममता का ऐसा सार्वभौम स्वरूप रुपहले पर्दे पर आखिरी बार कब उतारा गया था।
मातृत्व की पहली झलक हमें मिलती है जंगल के बीचोंबीच, जब एक हथिनी अपने बच्चे को जन्म देती है। कुछ ही देर बाद मातृत्व की दूसरी झलक तब देखने को मिलती है जब एक औरत, जंगल से बाहर, अपनी झोंपड़ी में अपने बच्चे को जन्म देती है। हथिनी के बच्चे के जन्म के कुछ देर पहले लड़ रहे होते हैं दो इंसान तो वहीं औरत के बच्चे के जन्म के कुछ देर बाद आमने-सामने होते हैं दो इंसानी गुट।
मातृत्व की ये झलक सार्वभौम इसलिए है क्योंकि, ये पशु में भी है और मानव में भी। ये जंगल के अंदर भी है और जंगल के बाहर भी। ये हिंसा से घिरी हुई भी है और करुणा से भरी भी। यदि पशु के प्रसव के बाद ग्लानि और पश्चाताप में डूबा एक इंसान मौत को अपनाता है तो औरत के प्रसव के बाद एक पूरा मानव-समाज मृत्यु का बलिदानी उत्सव मनाता है।
ममता, करुणा, हिंसा और त्याग की भावना को उजागर करने के लिए duality का यह उपयोग cinematically सराहनीय होने के साथ-साथ अद्भुत रूप से निरंतर भी है।
कहानी को इसकी मुख्य दिशा में मोड़ने वाला पल फिल्म में तब आता है जब एक किरदार दूसरे किरदार से कहता है कि “काली सूरत वाला कभी फिल्मों में नायक नहीं हो सकता।” कमाल की बात ये है कि जिस काले आदमी की यहां बात की जाती है वो तन से तो काला है ही पर वो काला है अपने कर्म से भी। अतः उपरोक्त कथन को नैतिक धरातल पर तोले तो कहा जा सकता है कि काली करतूतों और काले धंधों वाला आदमी कभी जन समूह का नायक नहीं हो सकता।
लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, हम देखते हैं कि काले रंग-रूप वाला आदमी फिल्म में तो नायक बनता ही है पर साथ ही साथ काले कृत्यों वाला ये किरदार जन मानस का भी नायक बनकर उभरता है। ये एक बहुत ही रोचक और playful metaness है जो कि धीरे-धीरे अपने आप में एक किरदार बनकर उभरती है।
यहां तक की समीक्षा में मेरी कोशिश रही है कि मैं ‘जंगल बनाम जंगली’ की metaness की भूमिका स्थापित कर सकूं। आगे की मेरी कोशिश है कि ‘राइफल बनाम रील’ की metaness पर कुछ रोशनी डालूं क्योंकि ये ‘राइफल बनाम रील’ ही है जो metaness को cinematic trick से बढ़कर कुछ और बनाता है।
फिल्म के दिल दहलाने वाले climax में जहां एक ओर विकसित सभ्यता दनादन गोलियों की बौछार कर रही होती है तो वहीं दूसरी ओर पिछड़ी हुई सभ्यता, मृत्यु का उत्सव मनाते हुए, अपने सीने पर गोली खा रही होती है। उस वक्त हम इसी नतीजे पर पहुंचते हैं कि लोकतंत्र और जनजाति को मिला सके ऐसी कड़ी हमने विकास के चरणों में कहीं खो दी है।
कि तभी हमें झलक मिलती है उस खोई हुई कड़ी की। राइफल के बारूद से मची बर्बादी को चुनौती देती है रील की रिकोर्डिंग। विनाश की जो लीला राइफल खत्म करती है उसी के गर्भ में रील बोती है निर्माण और रचना के बीज। और, आखिरकार, निर्माण की शाश्वतता के आगे हथियार डालती है विध्वंस की अल्पकालिकता। कला के सौंदर्य से बना सेतु, हेतु बनता है लोकतंत्र और वन्य-सभ्यता के मिलन का। Camera causes cannon’s collapse.
हालांकि यहां ये कहना भी जरूरी है कि मजबूत भावों और विचारों पर खड़ी ये कहानी जंगल तक पहुंचने से पहले कई बार डांवाडोल होती है।
उदाहरण के लिए, ख़ून देखकर एक बारगी मानसिक दौरे की स्थिति में चला जानेवाला एक किरदार, बद से बदतर खून-खराबा देखने के बाद भी आगे कभी फिर से दौरे की हालत में नहीं जाता।
यहां ये तर्क दिया जा सकता है कि जब उसे दौरा पड़ता है तब वो निहत्था होता है लेकिन बाकी के खून-खराबों के वक्त उसके हाथ में होता है सबसे ताकतवर हथियार- फिल्मी कैमरा। ये कैमरे से मिला हुआ साहस ही होगा जो उसे फिर कभी संतुलन नहीं खोने देता। ये रुपक विचार में चाहे जितना सुंदर लगे लेकिन पर्दे पर उस असर के साथ नहीं उतरा है।
अगर कमजोर पक्षों की बात करें तो एक और subplot ऐसा है जो कागज़ से पर्दे तक के सफ़र में थका-थका सा लगता है।
एक इरादतन अपराधी के अपराध की सज़ा एक निर्दोष को मिलती है। अपराधी और निर्दोषी एक दूसरे के चेहरे तक से अनजान है। लेकिन कहानी उन्हें एक मोड़ पर मिलाती है। इस मौके पर किसी तरह निर्दोषी को तो अपराधी का पता लगता है लेकिन अपराधी, निर्दोषी के अतीत और इरादों से, अनजान होता है।
आमतौर पर ऐसे प्रसंग और इनके इर्द-गिर्द की घटनाओं से हम कुछ tension और कुछ comedy की उम्मीद रखते हैं। किंतु यहां ये subplot कहानी का अच्छा-खासा हिस्सा होने के बावजूद tension और comedy दोनों से अनछुआ ही रहता है।
पर इस फिल्म के बारे में बात ये है कि ऐसी छोटी-मोटी चूकों के बाद भी, फिल्म जब-जब निशाना लगाती है तो सिर्फ छूती नहीं है, अंदर तक भेदती है। ना सिर्फ भेदती है बल्कि बेजानों में भी जान फूंकती है। यही कारण है कि जंगल धड़कता सा लगता है, कैमरा और रील चलते-फिरते किरदार लगते हैं और इन किरदारों में रूह होती है क्लिंट ईस्टवुड की। नतीजन, जब फिल्म के दुनियावी किरदार रास्ता भूलते दिखते हैं तो उन्हें मंजिल मिलती है फिल्मी आसमान के सबसे चमकते सितारे की रोशनी में।
और ये रोशनी हमें भी दिखाती है एक नया नजरिया – कि शायद जंगल में वो रहते हैं पर जंगली हम हैं, कि शायद कुदरत पर हक नहीं जताते उसे साझा करते हैं, कि शायद असभ्यता और वीभत्सता जंगल के किनारों पर नहीं जम्हूरियत के दरमियान है, कि शायद जनजातियों को बसाने की नहीं उन्हें अपनाने की जरूरत है, कि हकीकत की बेदर्दी पर सिनेमा यकीनन एक मरहम है।
Post Publications || Join us on Whatsapp || Post Disclaimer
SEND A STORY: Do you have a story for us or need a promotion/advertisement? Submit them via our email admin@edulearnweb or Ghanaeducation.org
TELEGRAM PAGE >>> [JOIN]
DOWNLOAD OUR EDUCATION NEWS APP - MOBILE APP
JOIN OUR EDUCATION NEW GROUPS (WHATSAPP)
Join one of our Whatsapp/Telegram Groups for current Ghana Education Service News Updates:
JOIN ONLY ONE... THANKS
TELEGRAM PAGE >>> [JOIN]
Group 1 >>New Group> [JOIN]
Group 2 >>New Group> [JOIN]
TELEGRAM PAGE >>> [JOIN]
Only websites that give us a URL backlink can repost our content on their sites.
The information contained in this post is for general information purposes only. The information is provided by edulearnweb.com and while we endeavour to keep the information up to date and correct, we make no representations or warranties of any kind, express or implied, about the completeness, accuracy, reliability, suitability or availability with respect to the website or the information, products, services, or related graphics contained on the post for any purpose.
||About Us|| Contact Us